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शब्द गुण किसे कहते हैं? शब्द गुण के प्रकार विस्तार से।

 हेलो नमस्कार दोस्तों आशा है आप अच्छे होंगे। और अपने आप का ख्याल रख रहे होंगे।दोस्तों आज का आर्टिकल बहुत ही मजेदार होने वाला है। जो कि शायद आप टाइटल पढ़ के ही पता लगा लिए होंगे।

 कि आज हम किस विषय पर पर चर्चा करने वाले हैं।दोस्तों वैसे तो यह हर किसी के लिए नहीं है। लेकिन अगर आप पढ़ाई के फील्ड में है  तो शायद आपको यह जरूर पढ़ना चाहिए। क्योंकि यह हिंदी व्याकरण का ही एक हिस्सा है। इसमें बहुत से चीजों को आप बारीकी से जान पाएंगे। बहुत सी चीजों को आप देख भी पाएंगे।
 इस आर्टिकल में हमने शब्द गुण के बारे में विस्तार से बताया है। और तो और दोस्तों इसके प्रकारों को भी हमने विस्तार से बताने की कोशिश की है।
 ऐसे में अगर आप हिंदी भाषा को और भी बारीकी से जानना चाहते हैं, तो यह आर्टिकल अंत तक जरूर पढ़े। ताकि आपको मन में कुछ भी कंफ्यूजन ना रहे।तो चले शुरू करते हैं।

शब्द गुण किसे कहते हैं?

शब्द गुण किसे कहते हैं
शब्द गुण

दोस्तों शब्द गुण बोहोत महत्वपूर्ण चीज है।एक वाक्य में शब्द गुणों के नाते ही वाक्य का रस प्रकट होता है।

शब्द गुण और कुछ भी नही बल्कि वो शब्द है जिससे हम रस का अनुभूति कर सकते हैं।शब्द गुण के वजह से काव्य में रस का मालूम पढ़ता है।और तो और दोस्तों शब्दगुण काव्य का शोभा  भी बढ़ाता है।

दोस्तों शब्द गुण बहुत से होते हैं।मुख्य तह शब्द गुन तीन प्रकार हैं।एक है माधुर्य गुण, एक ओज गुण और एक है प्रसाद गुण।इस आर्टिकल में हम बिल्कुल बारीकी से इन तीन गुणों के बारे में विस्तार से जानेंगे।और तो और दोस्तों हम उदाहरण से भी समझने की कोशिश करेंगे,कि आखिरकार यह शब्द गुण के प्रकार कैसा होता है।

तो चलिए पहले शब्द गुणों के प्रकारों को विस्तार से समझते हैं।

माधुर्य गुण क्या है?


दोस्तों जैसे कि नाम सुनकर हम पता कर सकते हैं कि यह गुण क्या हो सकता है। जी हां असल में जिस काव्य को पढ़कर हमें मधुर लगती है, या फिर जिस काव्य को पढ़कर हमारे दिल को सुकून मिलता है आप कह सकते हैं कि उस काव्य में माधुर्य गुण समाहित है।

कर्ण कटु वर्ण, कठोर वर्ण, संयुक्त वर्ण व द्वित्व वर्ण को छोड़कर मधुर ध्वनि का यहां प्रयोग होता है।इसमें लम्बे समासों, लम्बे अनुप्रास वाले पदों का प्रयोग नहीं होता है।
यह गुण विशेष रूप से श्रृंगार, शांत, एवं करुण रस में पाया जाता है।आपको और बताते चले कि यह वैदर्भी रीति से संबंधित है।

अगर आप माधुर्य गुण को पढ़ रहे हैं तो आपको उसमें कठोरता नही मिलेगी और विरक्ति पैदा नहीं होगा।
अगर ऐसा हो रहा है तो आपको समझ जाना है कि वह माधुर्य गुण नहीं।

माधुर्य गुण के उदाहरण

माधुर्य गुण के कुछ उदाहरण नीचे दिया गया है
"मन्द-मन्द मुरली बजावत अधर धरे,
मन्द-मन्द निकस्यी मुकुन्द मधुबन तें ।"

प्रसाद गुण क्या है?


नाम में ही है प्रसाद।ऐसे में आप समझ सकते है की ऐसे काव्य जिसको पढ़ने के बाद आपको उसकी अर्थ ग्रहण हो जाए ओ प्रसाद गुण से युक्त है ऐसा माना जायेगा।और तो और दोस्तों जिस काव्य को पढ़कर बुद्धि में निर्मलता आए और चित्त में पवित्रता आए तो भी काव्य में प्रसाद गुण है ये माना जाता है।

अगर आप काव्य पढ़ रहे हैं और उसमे प्रसाद गुण हो तो आपको उसमें स्वच्छता दिखाए देगा।
प्रसाद गुण में पांचाली रीति होती है।
मुख्यतया इसमें शांत रस और भक्ति रस की प्रधानता होती है।
प्रसाद गुण में यमक अलंकार के सभी गुण भी पाए जाते है।
प्रसाद गुण के उदाहरण

"प्रभु जी तुम चंदन हम पानी। जाकी अंग-अंग बास समानी॥ प्रभु जी तुम घन बन हम मोरा।"

"मैं जो नया ग्रंथ विलोकता हूँ, माता मुझे सो नव मित्र सा है।"

ओज गुण क्या है?


 जिसको पढ़ने से चित्त में जोश, वीरता, उल्लास आदि की भावना उत्पन्न होती है, वह ओज गुणयुक्त माना जा सकता है।यानी आसान शब्द में कहे जिसको पढ़ने से चित्त में उत्तेजना का लहर आने लगती है उसमे ओज गुण है ये माना जाता है।

इसमें संयुक्ताक्षरों, ट वर्गीय वर्णों, सामासिक पदों का प्रयोग अधिक किया जाता है।
वीर, रौद्र, भयानक, वीभत्स आदि रसों की रचना में ‘ओज’ गुण ही अधिक पाया जाता है।  

ओज गुण के उदाहरण

इसके उदाहरण अगर देखे ,तो वो है 

"वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!  
सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं।"

"बढ़ो करो वीर! स्व जाति का भला, अपार दोनों विधा लाभ है हमें"

शब्द गुणों से जुड़ी कुछ सवाल जवाब


1) शब्द गुण क्या होता है?
उत्तर:- जिसके वजह से काव्य में रस का अनुभूति होता है।

2) शब्द गुण के उदाहरण क्या है?
उत्तर:- चांद सा मुखड़ा।

3) शब्द गुण कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:- तीन प्रकार का होता है।

4) ओज गुण के उदाहरण लिखिए?
उत्तर:- "वीर तुम बढ़े चलो! धीर तुम बढ़े चलो!  
सामने पहाड़ हो सिंह की दहाड़ हो
तुम निडर डरो नहीं तुम निडर डटो वहीं।"

Conclusion


आशा है आपको शब्द गुण के बारे में विस्तार से पता चला है।हो सकता है आपको इसके बारे में कुछ नई जानकारी भी मिली होगी।शायद आप अब शब्द गुण तथा उसके प्रकारों के बारे में विस्तार से जान चुके होंगे।

ऐसे में आपसे यही कहना की अगर आपको ये आर्टिकल थोड़ा सा भी ज्ञानवर्धक लगा हो तो जरूर इसे सोशल मीडिया में शेयर करें।ताकि औरों को भी इसके बारे में पता चल सके।

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तो आज के लिए इतना ही आपसे फिर मुलाकात होगा एक नए ओर knowledgefull पोस्ट के साथ।तब तक के लिए खुश रहिए,मजे में रहिए ओर हां अवश्य Mask पहने ओर अपने हाथ को बार बार sanitize करे।
                        जय हिन्द
                               बंदे मातरम