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दक्षिण गंगोत्री क्या है? दक्षिण गंगोत्री से जुड़ी रोमांचक जानकारियां।

 नमस्कार दोस्तो!

कैसे हो आप सब।आशा है अच्छे ही होंगे।आशा है कॉविड के दिनों में आप अच्छे से सरकारी दिशा निर्देश को पालन कर रहे होंगे।

आज आपके लिए एक ऐसा आर्टिकल ले कर आया हूं जो आपकी ज्ञान को बोहोत हद बड़ा देगा।
आज का टॉपिक ऐसा है जिसको शायद 99.9% लोग नहीं जानते होंगे।

लिकिन आप ये जान जाएंगे इस आर्टिकल में।

वैसे तो आपको पता चल ही गया होगा कि कोन से आर्टिकल हम इस ब्लॉग में लिखने वाले हैं।

दक्षिण गंगोत्री!

अगर आप एक सरकारी नौकरी की तयारी कर रहे हैं तो ये आपके लिए प्रमुख है।

आज हम दक्षिण गंगोत्री के बारे में पूरी विस्तार पूर्वक पढ़ने वाले हैं,जिससे आप बोहोत कुछ इसके बारे में जान जाएंगे।

तो चलिए आरंभ करते है आज के विषय को।


दक्षिण गंगोत्री क्या है?

दक्षिण गंगोत्री क्या है
दक्षिण गंगोत्री के बारे में!

दक्षिण गंगोत्री अंटार्कटिका में स्थित भारत का पहला बैज्ञानिक base station है।

ये south pole से करीब 1600 माइल दूर अंटार्कटिका में स्थित है।ये बैज्ञानिक स्टेशन Indian Antarctic Programme का एक हिस्सा है।

आपको बता दे अंटार्कटिका दुनिया का ऐसा भूमि है जहांपे इंसान नहीं रहते।बल्कि अंटार्कटिका में बैज्ञानिक खोज के लिए जाते हैं।

बताते चले अंटार्कटिका कोई देश भी नहीं है।यहां कुछ गिने चुने देश की बैज्ञानिक ही जाते हैं(जो देश अंटार्कटिका ट्रीटी में सामिल है)।

दक्षिण गंगोत्री को एक ग्लेशियर के नाम से ही रखा गया है जो की भारतीयों बैज्ञानिकों के द्वारा ही अंटार्कटिका में खोजा गया है।तब इस ग्लेशियर का नाम दक्षिण गंगोत्री रख दिया गया था।

दक्षिण गंगोत्री को कब बनाया गया था?


ये बात है 1983 कि जब भारत अंटार्कटिका ट्रीटी का हिस्सा हुआ था।ये ट्रीटी खास कर अंटार्कटिका के लिए ही बनाया गया था।

दक्षिण गंगोत्री स्टेशन को करीब 1983 में बनाना शुरू किया गया था ओर कंस्ट्रक्शन सम्पूर्ण हुआ था जनवरी 1984 में।

इसे बनाने में तीसरे एक्सपीडिशन में अंटार्कटिका में गए हुए मेंबर सामिल थे।

इस base station को बनाने में करीब आट सप्ताह का वक्त लगा था।

आपको बता दे इसे बनाने के लिए भारतीय सेना भी सामिल थे।

बनने के बाद अंटार्कटिका में बैज्ञानिक के टीम ओर सेना ने रिपब्लिक डे भी 26 जनवरी के दिन मनाया था।

दक्षिण गंगोत्री कहां स्थित है?


जैसे कि हम पहले पढ़े कि ये भारत का एक स्टेशन है जो अंटार्कटिका में स्थित है।

असल में ये अंटार्कटिका कि दक्षिण गंगोत्री ग्लेशियर के पास ही साउथ पोल से करीब 1600 माइल दूरी पर है।

अगर आप चाहे तो इसे मानचित्र या ग्लोब में देख सकते हैं।

आपको बता दे की भारत से अंटार्कटिका कि दूरी करीब 11835 km है।

हर बार भारतीय बैज्ञानिकों को द्वारा ये दूरी पार करना पढ़ता है अंटार्कटिका पौंछ ने के लिए।

भारत की दूसरे base stations अंटार्कटिका में


आप शायद नहीं जानते होंगे भारत के द्वारा दक्षिण गंगोत्री के छोड़ कर ओर दो स्टेशन भी बनाया गया है।
आपको बताते चले कि अभी दक्षिण गंगोत्री नाम वाले स्टेशन ऑपरेशनल नहीं है।
बल्कि उसके बाद बनाया गया दो स्टेशन अभी ऑपरेशनल है।

आपको बता दे ये दो base stations भी Indian Antarctic programme का ही हिस्सा है।ये Ministry of Earth Sciences के अन्तर्गत आता है।

मैत्री स्टेशन


भारत के दूसरे बैज्ञानिक स्टेशन का नाम है मैत्री।
करीब 1988 में इसे एक ice-free जगह पर बनाया गया था।

ये मैत्री स्टेशन Schirmacher Oasis में स्थित है।

ये स्टेशन में करीब 25 लोग summer या winter में रह सकते हैं।

इस मेत्री स्टेशन के बाहर ही एक lake मोजूद है जो  fresh water के मुख्य स्रोत है।
इस lake का नाम प्रियदर्शिनी है।

भारती स्टेशन


ये भारत का तीसरा स्टेशन है जो अंटार्कटिका में बनाया गया हो।

ये स्टेशन,मेत्री से लगभग 3000 km पुर्ब कि ओर लार्समैन हिल के पास स्थित है।

ये इंडिया सबसे Modern स्टेशन है।

इसके कंस्ट्रक्शन 134 रिसाइकिल किया हुआ जहाज के कंटेनर से हुआ है।

इस स्टेशन में करीब 47 लोग रह सकता है चाहे वो Winter हो या Summer।

ये भारती स्टेशन, इंडिया को उन 9 मेंबर में सामिल किया है जिसके अंटार्कटिका में एक से ज्यादा बैज्ञानिक स्टेशन है।

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भारती स्टेशन 18 March 2012 में commision हुआ था।ये भारत के सबसे Advance ओर Modern बैज्ञानिक base है अंटार्कटिका में।

Indian Antarctic programme से जुड़ी कुछ जानकारियां


Indian Antarctic programme भारत के National Centre for Polar and Ocean Research यानी (NCPOR) मैनेज करती है।जोकि Goa में स्थित है।

1981में प्रथम अंटार्कटिका अभियान Dr SZ Qasim के नेतृत्व में 21 मेंबर के साथ शुरू हुआ था।

ओर तब से आज तक बोहोत सारे एक्सपीडिशन हुए हैं।

हाल ही में भारत ने 2021 में अपना 40 वा बैज्ञानिक एक्सपीडिशन शुरू किया है।जिसके तहत 43 मेंबर अंटार्कटिका यात्रा शुरू किए थे।

ये यात्रा ice-class vessel MV Vasiliy Golovnin के द्वारा Goa से 5 जनवरी 2021 को शुरू किया गया था।

जो कि April को बापस आने का समय रखा गया था।

आपको बता दे ये प्रोग्राम भारत सरकार के Minstry Of Earth Sciences के अन्तर्गत आता है।

दक्षिण गंगोत्री से जुड़ी कुछ सवाल ओर जवाब


1)क्या दक्षिण गंगोत्री कोई ग्लेशियर है?


उत्तर:- जी हां ये ग्लेशियर है जो अंटार्कटिका में स्थित है।इसे भारतीय बैज्ञानिकों ने दक्षिण गंगोत्री नाम दिया था।बाद में अंटार्कटिका में भारत का पहला स्टेशन का नाम भी इसके नाम पर रखा गया था।

2) क्या दक्षिण गंगोत्री अभी ऑपरेशनल है?


उत्तर:- नहीं।ये अभी ऑपरेशनल नहीं है।भारत के दो ओर स्टेशन मेत्री ओर भारती ऑपरेशनल है।

3) दक्षिण गंगोत्री को किसके मदद से बनाया गया था?


उत्तर:- एक्सपीडिशन में आए हुए मेंबर ओर भारतीय सेना मिलकर इसे बनाया था।

Conclusion


तो कैसा लगा आपको?

दक्षिण गंगोत्री के बारे में पढ़कर शायद आपको अच्छा लगा होगा।

अगर आप एक स्टूडेंट हैं तो ये आपके लिए जानना बोहोत ही जरूरी है।सरकारी परीक्षा में इसे बोहोत बार पूछा जाता है।

अगर आपको पढ़के बोहोत जानकारी मिली है तो आप इसे अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करे।

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तो आज के लिए इतना हो आपसे फिर मुलाकात होगा एक नए ओर knowledgefull पोस्ट के साथ।तब तक के लिए खुश रहिए,मजे में रहिए ओर हां अवश्य Mask पहने ओर अपने हाथ को बार बार sanitize करे।
                         जय हिन्द
                                बंदे मातरम