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आपदा प्रबंधन क्या है? आपदा,आपदा प्रबंधन के चक्र,आपदा के प्रकार आदि जानकारियां।

नमस्कार दोस्तो।
आप सबको एक नए आर्टिकल में स्वागत है।

आशा है आप अच्छे होंगे ओर कोविड से बचने के बिधिओं को अच्छे से पालन कर रहे होंगे।

क्या आपने कभी आपदा प्रबंधन के नाम सुना है।

इंडिया में ज्यादा तर लोग इसके बारे में नहीं जानते हैं।उसमे शायद आप भी होंगे।

जी हां आपने टाइटल में सही पढ़े है आज हम आपदा प्रबंधन के विषय को गहराई से जानने वाले है।

ये आर्टिकल हर एक इंसान को पढ़ना चाहिए क्योंकि आज हम आपदा प्रबंधन से जुड़ी छोटी से छोटी जानकारियां हासिल करने वाले हैं।

इसलिए आपसे ये अनुरोध है आप इस आर्टिकल को अंत तक पढ़े ओर आपदा प्रबंधन विषय को अच्छे से जाने।

So Let's start


आपदा प्रबंधन क्या है?

आपदा प्रबंधन क्या है,आपदा क्या है,आपदा के प्रकार
आपदा प्रबंधन के बारे में!

किसी बाढ़,सूखापन,earthquake,या किसी प्राकृतिक ओर मनुष्य निर्मित आपदा से निपटने के लिए Planning, बचाव तथा आपदा को मनुष्य पर कम प्रभाव पड़ने के लिए जिसके अन्तर्गत कार्य करना होता है ऊसिको आपदा प्रबंधन कहां जाता है।

अंग्रेजी में इसके Disaster Management कहां गया है।

आप शायद नहीं जानते होंगे कि हर देश की एक आपदा प्रबंधन विभाग मोजूद होता है जो किसी भयंकर परिस्थिति जैसे  आपदा को निपटने के लिए बनाया जाता है।

हमारे देश भारत में भी एक विभाग ऐसा ही मोजूद है।इसके बारे में विस्तार से हम आगे पड़ेंगे।

आपदा प्रबंधन को आप तरह एक ऑर्गनाइजेशन यानी संस्था कह सकते हैं जो किसी आपदा समय में या आपदा के समय के पूर्व जरूरी कदम उठाता है।

यहां आपसे एक प्रश्न है कि क्या आप आपदा को अच्छे तरीके जानते हैं अगर नहीं तो आपदा के बारे में आप नीचे पढ़ सकते है।

आपदा क्या है?


किसी ऐसे परिस्थिति जिसमें भयानक मात्रा में मनुष्य या जीव जंतुओं का प्राण ओं कि संकट आ खड़ी हो उसीको आपदा कहते हैं।

आपदा में मनुष्य की तथा जिब जंतुओं के प्राण संकट में पढ़ जाता है।
ओर ओर तो ओर इसमें घर,खेती बोहोत भारी मात्रा में प्रभावित होता है।

आपदा के विषय में सबसे बड़ा प्रमुख प्रकार सामने आता है वो दो ही बताया जाता है।

आपदा या तो प्राकृतिक हो सकता है या फिर मनुष्य निर्मित।

हालांकि प्राकृतिक ही सबसे ख़तरनाक होता है उन मनुष्य निर्मित के तुलना में।

प्राकृतिक आपदा क्या है?


प्राकृतिक आपदा उन सब आपदा को कहां जाता है जो प्रकृति का देन होता है।

प्रकृति कभी कभी आपदा के कारण बन जाता है चाहे वो किसी भी रूप में हो।

ज्यादातर आपदा में प्राकृतिक आपदा का ही सबसे बड़ा प्रभाव मनुष्य तथा जीव जंतुओं पर पढ़ता है यहां तक उनपर प्राणों की संकट आ पढ़ती है।

प्राकृतिक आपदा में जो जो सामिल है उसमे है


  1. Earthquake यानी भूमिकंप,ये एक तरह से स्रोत यानी wave के तरह पृथ्वी के सतह पर फैलता है जिससे पृथ्वी के सतह पर मोजूद कोई भी वस्तु हिलने लगता है।अगर ये कम्पन कुछ ज्यादा बढ़े तो ये भयंकर आपदा का रूप ले लेती है।
  2. Flood यानी बाढ़,एक तरह से पानी कि बिकराल रूप को कहा जा सकता है।इसमें ज्यादातर नीची इलाकों में स्थित खेतों के फसल,जमीन ओर कच्चे मकान को आसानी से अपने चपेट में ले लेती हैं। इसमें नदियों का जलस्तर अचानक भयंकर रूप ले लेती हैं।ऐसा दबा किया जाता है कि नदियों के गहराई में कमी आने से ये समस्या ओर भी बढ़ जाता है। 
  3. तूफान,खास कर तटवर्ती इलाकों में इसके उपद्रव बोहोत देखा जाता है।ये एक तरह का प्राकृतिक आपदा ही है।जिसमें उच्च बेग वाले वायू समुद्र से तटवर्ती इलाकों में टकराता है। 
  4. हिमस्खलन। 
  5. सुनामी आदि प्रमुख है।

मनुष्य निर्मित आपदा क्या है?


शायद आप नहीं जानते लिकिन मनुष्य भी आपदा के लिए जिम्मेदार होता है।

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हालांकि हर कोई नहीं।लिकिन मनुष्य के द्वारा ऐसे बोहोत काम होता है जो आपदा को बुला कर लाता है।

मनुष्य अपने हित के लिए ऐसे बोहोत से काम कर बैठता जो इस धरती को प्यारी नहीं होती।

मनुष्य निर्मित आपदाओं में जो जो सामिल है उसमे है


  1. पर्यावरण दूषण,ये अभी तक सबसे बड़ा मनुष्य निर्मित आपदा है जो शायद आपको बताने का जरूरत नहीं है।आज इसके बारे में हर कोई पहचानता है जानता है।पर्यावरण दूषण में जो जो चीज़े सामिल है उसमे बायुदुषण,जलदुषण,शब्द दूषण आदि सब प्रमुख है।
मनुष्य निर्मित आपदाओं में ओर भी बोहोत से चीज़े सामिल है लिकिन पर्यावरण दूषण सबसे प्रमुख है।

आपदा प्रबंधन चक्र क्या है?


आपदा प्रबंधन चक्र दिखाता है आपदा के कम से कम प्रभाव पड़े इसके लिए जरूरी प्लान को,आपदा से कैसे लड़ा जाए इसके लिए तयारी को,आपदा के आने से जरूरी पतिक्रिया को तथा आपदा के गुजरने बाद स्थिति नॉर्मोल करने को।

आपदा प्रबंधन चक्र असलमे प्रबंधन के मुख्य काम को दर्शाता है।

आपदा प्रबंधन चक्र में जो जो चीज़े सामिल है उसमे है


न्यूनीकरण


इसमें आपदा के प्रभाव को कैसे कम से कम किया जाता है इसके ऊपर जोर दिया जाता है।
इसमें जो जो सामिल है उसमे है Building Codes बनाना,जगह को zones में बांटना,Public को जरूरी जानकारियां मुहाईया कराना।

प्रस्तुति


इसमें आपदा के बाद कैसा Response हो इसका प्लैनिंग किया जाता है।

इसमें जो चीज़े सामिल है उसमे है
प्रस्तुति के लिए Plan,चेतावनी सिस्टम्स को लगाना,जरूरी ट्रेनिंग ओर exercise।

पतिक्रिया


आपदा का सामना करना तथा आपदा के समय क्षति को कम से कम करना आदि 
पतिक्रिया के अन्तर्गत आता है।

पतिक्रिया में जो जो चीज सामिल है उसमे है सर्च ओर रेस्क्यू,इमरजेंसी रिलीफ आदि।

Normalization


आपदा के बाद सब कुछ नॉर्मल करना ओर समाज को फिर से आगे के तरह बनाना इसके अन्तर्गत होता है।

इसमें जो जो चीजें सामिल है उसमे है अस्थायी मकान का निर्माण,मेडिकल सुविधा।

भारत में आपदा प्रबंधन


भारत में आपदा को देखते हुए 2005 आपदा प्रबंधन अधिनियम को लाया गया था।

ये अधिनियम आपदा प्रबंधन से ही जुड़ी हुई है।
ये पहले लोकसभा में 28 November 2005 में लोकसभा में पास हुआ ओर राज्यसभा में इसके पास होने का तारीख था 12 December 2005।

ओर ये अधिनयम बना राष्ट्रपति के सिग्नेचर के बाद।

NDMA यानी National Disaster Management Authority इस अधिनियम के पास होने के बाद बनाया गया था।
जिसमें मुख्य चेयरपर्सन हमारे देश के प्रधानमंत्री है।

अभी जो present चेयरपर्सन है NDMA वो है PM Narendra Modi।

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NDMA के मुख्य काम आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के रूल्स को लागू कराना।

आप शायद NDMA का नाम पहले जरूर सुने होंगे।

चाहे वो केरल के बाढ़ हो या तमिलनाडु के NDMA ने हर समय जरूरी मदत पौंछ याये हैं।

आपदा प्रबन्धन के प्रश्न उत्तर


आपदा प्रबंधन से कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न नीचे दिए हैं।

1) आपदा प्रबंधन के कितने चरण है?


उत्तर:- आपदा प्रबंधन के मुख्य चार चरण है।

2)आपदा प्रबंधन के मुख्य संस्था भारत में कोनसी है?


उत्तर:- आपदा प्रबंधन के मुख्य संस्था भारत में NDMA है।

3) आपदा प्रबंधन अधिनियम कब पास हुआ?


उत्तर:- 2005।

4) आपदा के कितने मुख्य वजह है?


उत्तर:- आपदा के प्रमुख दो बजह है।

Conclusion


तो कैसा लगा आपको पढ़के आपदा प्रबंधन के बारे में।

आशा है आपको पढ़के अच्छा लगा होगा।

अब शायद आप आपदा प्रबंधन के बारे में पूरी जानकारी पा चुके हैं।

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तो आज के लिए इतना हो आपसे फिर मुलाकात होगा एक नए ओर knowledgefull पोस्ट के साथ।तब तक के लिए खुश रहिए,मजे में रहिए ओर हां अवश्य Mask पहने ओर अपने हाथ को बार बार sanitize करे।
                         जय हिन्द
                               बंदे मातरम